Madhu Arora

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लेखनी कहानी -24-Dec-2021 दर्पण

दर्पण
दर्पण कभी तो तू मन रख लिया कर,
 उम्र 58 थोड़ी कम ही बता दिया कर।
  माना उम्र एक संख्या है ,
  जीना एक खुश जिंदगी है ।
   हंसकर खिलखिला कर ,
   कुछ दूसरे की सुनकर ।
   कुछ अपनी सुना कर बिता दिया कर,
    उम्र है 58 थोड़ी कम बता दिया कर ।
    माना तू झूठ नहीं बोलता ,
    सब की सच्चाई के राज है तू खोलता ।
    जो जैसा है वैसा ही है तो बोलता ,
    सज संवर कर निहारुं तुझे तो,
    हंस कर तू यह बोलता।
    राजना छुप पायेगा,
    थोड़े बनाव सिंगार से ।
     भेद दिलों के खोलता,
      तभी तो कहते हैं ,
      कि दर्पण झूठ नहीं बोलता।।
                     दिल की कलम से
                      मधु अरोड़ा
    

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2 Comments

Swati chourasia

24-Dec-2021 03:14 PM

Very nice 👌

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वाह मेम्म बहुत सुंदर लिखी है आप👌👌

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